Ad

http://engineerpraveen2016.blogspot.com/2018/

Friday, 11 November 2016

सादा जीवन और उच्च विचार

सादगी सभ्यता का चिह्न है। संसार के सभी भले आदमियों ने सदा ' सादा जीवन और उच्च विचार ' की नीति को अपनाया है। सात्विक प्रकृति के लोग यही पसंद करते हैं कि वे साधारण सभ्य नागरिक की भांति सीधा-सादा जीवन व्यतीत करें। इस सरलता में ही उनकी श्रेष्ठता छिपी रहती है। जानने वाले जानते हैं कि श्रेष्ठ व्यक्ति अपनी श्रेष्ठता का परिचय दिखावटी आचार-व्यवहार से नहीं वें सादगी से ही देते हैं



सादगी के लिए सहिष्णुता का होना बहुत आवश्यक है। हम सहन शील बनें और प्रकृति की प्रतिकूलताएँ एवं मनुष्य की प्रतिकूल भावनाओं को शांतिपूर्वक सहन करने की आदत डालें , तभी हम संसार में सुखपूर्वक जीवन का निर्वाह कर सकते हैं। धर्म कर्त्तव्यों की मर्यादा तोड़ने वाले कुमार्गगामी मनुष्य की गतिविधियों को रोकने के लिए , उन्हें दंड देने के लिए समाज और शासन की ओर से जो प्रतिरोधात्मक व्यवस्था हुयी है , उससे सर्वथा बचे रहना सम्भव नहीं। धूर्तता के बल पर आज कितने ही अपराधी-प्रवृत्ति के लोग सामाजिक भर्त्सना से ओर कानूनी दंड से बच निकलने में सफल होते रहते हैं। पर यह चाल सदा सफल होती रहेगी , ऐसी बात नहीं है।

असत्य का आवरण अंतत: फटता ही है ओर अनीति अपनाने वाले के सामने न सही पीछे उसकी निंदा होती ही है। नागरिक कर्त्तव्यों का पालन भी सादगी का ही रूप है। जीवन में बड़ी-बड़ी सफलताओं , संभावनाओं एवं उपलब्धियों का आधार हमारे जीवन जीने के तरीकों पर निर्भर है। हम कैसे चलते हैं, उठते हैं , सार्वजनिक जीवन की आवश्यक बातों का कितना ध्यान रखते हैं, इसी पर हमारे जीवन का निर्माण होता है। किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए इन व्याहारिक बातों में सफल होना आवश्यक है। जो अपने व्यवहार में इन बातों का ध्यान नहीं रखते, दूसरों के हित-अनहित का विचार नहीं करते, स्वेच्छाचार अपनाते हैं , वे समाजद्रोही कहलाते हैं।

नम्रता नैतिक और आध्यात्मिक क्षेत्र की वह भावना है, जो सब मनुष्यों में , सब प्राणियों में स्थित शाश्वत सत्य से , ईश्वर से सम्बन्ध कराती है। इस तरह उसे जीवन के ठीक-ठीक लक्ष्य कि प्राप्ति कराती है। जगत में उस शाश्वत चेतना का , ईश्वर का दर्शन कर , मनुष्य का मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है। श्रम ही सादगी की सबसे बड़ी पहचान है। श्रम से हट कर लोग अपने को महान घोषित करना चाहते हैं , यह उनका भ्रम ही है। उद्यमशील व्यक्तियों का मुख-मंडल सदैव चमकता हुवा दिखाई देता है और अकर्मण्य व्यक्ति सदैव क्लांत , उद्विग्न, दुखी और खोटी कल्पनाओं में फंसे देखे जा सकते हैं। परिश्रमी ही सबसे अधिक सुखी, प्रसन्न और संतुष्ट रहते हैं। वे भले ही भौतिक सम्पत्ति, समृद्धि में बड़े न हों, किन्तु उनका आंतरिक धन , जिससे मानसिक संतोष, हल्कापन और प्रसन्नता का वे अनुभव करते हैं, यह संसार की सबसे बड़ी सम्पत्ति है।

परिश्रम से ही स्वास्थ्य में सुधार होता है। उद्यमी व्यक्ति थककर अपनी शैया में प्रवेश करता है और उसे स्वास्थ्यपूर्वक उत्तम नींद आती है। प्रात:काल उठने पर वे तरोताजगी, प्रफुल्लता, शक्ति, प्रसन्नता आदि का अनभव करते हैं। आलसी, अकर्मण्य ही दुस्वप्नों एवं अनिद्रा पड़े हुवे सुबह भी आलस्य, चिंता और भारीपन-सा अनुभव करते हैं। वास्तव में सादगी एक सच्चाई है और उससे व्यक्ति अपने शरीर पर कम ध्यान देता है , अपितु उसका ध्यान मन को संवारने में ही लगा रहता है।



कभी कभी आप अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं


कभी कभी आप
अपनी जिंदगी से निराश हो जाते हैं,
जबकि
दुनिया में उसी समय कुछ लोग
आपकी जैसी जिंदगी जीने
का सपना देख रहे होते हैं।
घर पर खेत में खड़ा बच्चा आकाश में उड़ते हवाई जहाज
को देखकर उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
उसी समय हवाई जहाज का पायलट खेत ओर बच्चे
को देख घर लौटने का सपना देख रहा होता है।
यही जिंदगी है। जो तुम्हारे पास है
उसका मजा लो।
अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही खुशहाल होने
का सीक्रेट होता,
तो
अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन
सिर्फ गरीब बच्चे ऐसा करते दिखाई देते हैं।
अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से सुरक्षा आ जाती
तो
नेता अधिकारी बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
परन्तु जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।
अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि मजबूत रिश्ते कायम कर
सकती
तो
सेलीब्रिटीज् की शादियाँ सबसे
सफल होती।
जबकि इनके तलाक होते हीं रहते हैं
इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी सभी के लिए खुबसुरत है...
इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ...
क्योंकि
जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...
सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें और
ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...
स्वर्ग यहीं हैं...















प्लीज, लाइक, कमेंट, शेअर – क्योंकि ये पेज देश के सब युवाओंकों पता होना चाहिए ये आपकी ज़िम्मेदारी हैं।

प्रिय मित्रो,
यदि आपको यह विचार पसन्द आ
रहे हैं, तो कृपया इस पेज को भी अवश्य
JOIN/LIKE करें
ताकि आगे भी आपको यह विचार मिलते रहें,
और SHARE करें ताकि आपके
मित्रों को भी यह पढ़ने को मिलें।
धन्यवाद।
सोच बदलो देश बदलेगा
For Great Thoughts, culture of India and much more.. Like This Page.
https://twitter.com/engineerformula
https://www.facebook.com/praveen.thakur.12
आपका मित्र
प्रवीण राजपूत
वंदे मातरम्
सत्यमेव जयते
  जन हित में ज़ारी 
सर्दी बढ़ने लगी हैं । सभी मित्र अपना ध्यान स्वयं रखें । जिस प्रकार ठण्ड हमारे शरीर में हाथ-पाँव, नाक-कान आदि के रास्ते आसानी से प्रवेश करती है, उसी प्रकार इच्छाएँ भी हमारे जीवन में आवश्यकता के दरवाज़े से घुसपैठ करती है । हम अपने बहुमूल्य ज़ीवन को कभी न पूरी हो सकने वाली इच्छाओं को पूरा करने में नष्ट कर देते हैं । अपनी इच्छाओं को ही आवश्यकतायें बना लेते हैं । कही दूसरों का हक छीनते है, कहीं भ्रष्टाचार करते हैं, तो कहीं दुराचार करते हैं । आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है, लेकिन इच्छाओं को नहीं ।
जैसे अधिक ठण्ड हमारे शरीर को नुक्सान पहुँचा सकती है, वैसे ही अधिक इच्छाएँ भी हमारी आत्मा को दुष्प्रभावित करती हैं । ठण्ड और चाहतें हद में हो, तो बेहतर है। अधिक ठण्ड हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और अधिक चाहतें हमारे आत्मिक स्वास्थ्य को बिगाड़ कर रख देती हैं । अतः अत्यधिक ठण्ड और चाहत से खबरदार रहें । ज़ीवन ज़ीने का भरपूर आनंद लें; चाहत का भी आनंद लें, सर्दी का भी आनंद लें, मगर सावधानी से 



जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,अपने देश के लिए भी कुछ करिए वर्ना अपने लिए जीने का शौक रखने वालो की राख से तो शमशान भी भरा पड़ा है..."जय हिन्द
प्लीज, लाइक, कमेंट, शेअर – क्योंकि ये पेज देश के सब युवाओं कों पता होना चाहिए ये आपकी ज़िम्मेदारी हैं।
प्रिय मित्रो,
यदि आपको यह विचार पसन्द आ
रहे हैं, तो कृपया इस पेज को भी अवश्य
JOIN/LIKE करें
ताकि आगे भी आपको यह विचार मिलते रहें,
और SHARE करें ताकि आपके
मित्रों को भी यह पढ़ने को मिलें।
धन्यवाद।
फेसबुक का उपयोग राष्ट्र उन्नति के लिए करेँ।
सोच बदलो देश बदलेगा
For Great Thoughts, culture of India and much more.. Like This Page.
https://twitter.com/engineerformula
https://www.facebook.com/praveen.thakur.12
आपका मित्र
प्रवीण राजपूत
वंदे मातरम्
सत्यमेव जयते

मेरी कविता "सरहद पर "

Thursday, 10 November 2016

मेरी कविता “आखिर क्या मिला तुम्हे”

वो वक्त कब आएगा

(मेरी कविता) ओ भारत के वीर जवानों

ओ भारत के वीर जवानों ,
माँ का क़र्ज़ चुका देना ,
कटे फटे इस मानचित्र को
अबकी ठीक बना देना !!
पटना साहीब से मीलने को
ननकाना बैचेन खड़ा ,
अबकी तिरंगा रावलपिंडी में
घुस कर तुम फहरा देना !!
अटक कटक से सिन्धु नदी तक
सब कुछ हमको प्यारा है ,
कश्मीर मत मांगो कह दो
पाकिस्तान हमारा है !!
जो उपवन से घात करे
वो शाख तोड़ दी जायेगी ,
जो पीछे से वार करे
वो बांह मोड़ दी जायेगी ,
जो कुटुंब का नाश करे
वो गर्दन तोड़ दी जायेगी,
मेरे देश पे उठती
हर एक आँख फोड़ दी जायेगी ,
जो देश द्रोह की बात करे
वो मनुष्य हत्यारा है ,
कश्मीर मत मांगों
कह दो पाकिस्तान हमारा है !!
बन्दे- मातरं
जय हिन्द - जय भारत….

 मेरी कविता "जाग रहे भारतीय युवा "

 

   मेरी कविता  "करवा चौथ"

                     

 

                               

 

 मेरी कविता "खुदा ने इंसाफ किया दामिनी "

                   

 

 

 

 मेरी कविता (केदारनाथ में तबाही)

 

 मेरी कविता (संत की फौज)



मेरी कविता (तुम Whats App पर खो ना जाना)

 

जिंदगी का एक सच:- आप भी कर सकते हे कारनामा :-

कुछ लोगो को लगता हे की बड़ा काम करने वाले इन्सान कुछ अलग होते हे, पर यह सच नहीं हे ! खुद पर विश्वास
करने की देर हे ! इसके बाद आप भी कारनामा कर सकते हे ! आप एक साधारण जीवन जी रहे हे ! मन में कही
सपने हे, पर उन्हें पूरा करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हे ! इस कारण मन को मारकर रह जाते हे ! क्या आप जानते
हे की इसकी वजह क्या हे ? सीधी सी बात हे की आपको खुद पर विश्वास नहीं हे ! आपको लगता हे की आप कुछ बड़ा
नहीं कर सकते हे पर यह आपकी सोच हे ! यह सोच आपको अपने चारो और के माहोल से मिली हे ! इसे बदलना
जरुरी हे ! आप भी अपने सपनो को जल्द से जल्द पूरा कर सकते हे, यह विश्वास करना बहुत जरुरी हे ! जीवन में
कम ही लोग ऐसे होते हे, जिन्हें खुद पर पूरा भरोसा होता हे ! ऐसे लोग ही जीवन में सफल होते हे ! अपने आप को
बेबस और कमजोर मानना छोड़ दीजिये ! खुद पर विश्वास करो और मंजिल की और अपने कदम बढाओ ! सुरु में
लगेगा की कुछ समज में नहीं आ रहा हे की किस तरह से आगे बढना हे ! हिम्मत से कम लेंगे तो सब समज में
आ जायेगा ! ऐसा नहीं हे की कोई सपना एक दिन में पूरा हो जाता हे, उसके लिए रात दिन मेहनत करनी पडती हे !
मुस्किल समय में धेर्य रखना पड़ता हे ! ऐसे इन्सान बार बार गिरते हे और फिर खड़े हो जाते हे !उन्हें पता हे की
विफलता से ही सफलता मिलती हे ! वे लगातार मन से प्रयास करते हे ! जब प्रयास सचे मन से किया जाता हे
तो सफलता जरुर ही मिलती हे ! यह जिंदगी का एक अहम् सच हे जिस से जयादातर लोग अनजान रहते हे !
इस सच को सब को मानना पड़ेगा !
एक बात कहता हु की मुझे भी खुद पर विश्वास नहीं हे क्योंकी मेरा मन और मेरा दिल मेरी नहीं मानता हे ! में
भी अपने सपनो को एक रह देने के लिए बाहर पडने गया था लकिन सरीर और मन ने साथ नहीं दिया और वापिस
अपने गाँव आ गया लेकिन मन में यह बात हमेसा खाती रहती हे की जिंदगी में बहुत बड़ी गलती हो गयी हे ! वेसे
यह ब्लॉग तो तकनिकी को समर्पित हे लकिन मेरा दिल नहीं मन इसलिए मेने यह पोस्ट लिख दी हे यह पोस्ट
किसी भी किताब या कंही से नहीं ली गयी हे बल्कि मेरे मन से लिखी गयी हे ! में यह पोस्ट इसलिए लिख रहा हु
ताकि आप जेसे ब्लॉगर मुझे एक सही राह दे सके ! इसलिए आपसे निवेदन हे की आप इस पर जरुर कमेंट करे !
यह पोस्ट पूरी तरह से मुज पर लागु हे !
दिल से........आपका अपना दोस्त............प्रवीण >>>>>>>>>>>>>>>>>.........